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राकेश शर्मा की जीवनी: जन्म, आयु, शिक्षा, करियर, पुरस्कार (Rakesh Sharma Biography: Birth, Age, Education, Career, Awards)

राकेश शर्मा ने भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक लिखा है । वह अंतरिक्ष में कदम रखने वाले पहले भारतीय नागरिक हैं। जब उन्होंने सोवियत-भारतीय अंतरिक्ष उड़ान में भाग लेने का फैसला किया तो वह भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में पायलट के रूप में कार्यरत थे। अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने दो सोवियत यात्रियों के साथ अंतरिक्ष में सात दिन, 21 घंटे और 40 मिनट बिताए थे।

राकेश शर्मा का परिचय

परिचय बिंदुपरिचय
पूरा नाम (Full Name)राकेश शर्मा
जन्म (Birth)13 जनवरी 1949
जन्म स्थान (Birth Place)पटियाला पंजाब
पेशा (Profession)अंतरिक्ष यात्री, भारतीय एयर फ़ोर्स पायलट
उम्र (Age)74
राशीमकर
राष्ट्रीयता (Nationality)भारतीय
गृहनगर (Hometown)हैदराबाद
जाति (Caste)ब्राह्मण
प्रसिध्य है (Famous for)पहले भारतीय जो अन्तरिक्ष गए थे
अन्तरिक्ष में रहे7 दिन 21 घंटे, 40 मिनिट
पसंद (Hobbies)घूमना, रीडिंग, योग
वैवाहिक स्थिति (Marital Status)विवाहित
मुख्य अवार्ड·        अशोक चक्र ·        संग्राम मैडल·        विदेश सेवा सर्विस मैडल·        9 साल लॉन्ग सर्विस मैडल·        हीरो ऑफ़ दी सोवियत संघ

राकेश शर्मा का प्रारंभिक जीवन (Rakesh Sharma early life)

राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1946 में लुधियाना, पंजाब, भारत में हुआ था। राकेश बचपन से ही विज्ञान में रुचि रखते थे। बिगड़ी चीजों को बनाना और इलेक्ट्रॉनिक चीजों पर बारीकी से नजर रखना उनकी आदत थी। राकेश जब बडे तो आसमान में उड़ते हवाई जहाज, को तब तक देखा करने जब तक वह उनकी आँखो से ओझल ना हो जाए। जल्द ही राकेश के मन में आसमान में उड़ने की तमन्ना जाग गई फिर वह उसी ओर लग गए। राकेश ने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। 

राकेश शर्मा पत्नी और बच्चे

राकेश शर्मा की शादी मधु से हुई है और उनके दो बच्चे हैं- कपिल और कृतिका। उनके बेटे कपिल एक फिल्म निर्देशक हैं जबकि उनकी बेटी कृतिका एक मीडिया कलाकार हैं।

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राकेश शर्मा का कैरियर (Rakesh Sharma career)   

1966 में एन डी ए पास कर इंडियन एयर फोर्स कैडेट बने राकेश शर्मा ने १६७० में भारतीय वायु सेना को ज्वाइन कर लिया।1971  के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान राकेश शर्मा ने अपने विमान “मिंग एअर क्रॉफ्ट” से महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। इसी युद्ध के बाद से राकेश शर्मा चचो में आए और लोगों ने उनको योग्यता की जमकर तारीफ की। 

1984 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और सोवियत संघ के इंटरकस्मिक कार्यक्रम के एक संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत राकेश शर्मा आठ दिन तक अंतरिक्ष में रहे। ये उस समय भारतीय वायुसेना के स्क्वाइन लीडर और विमानचालक थे। 3  अप्रैल 1974  को दो अन्य सोवियत अंतरिक्षयात्रियों के साथ सोयूज टी-११ में राकेश शर्मा को लॉन्च किया गया। वे अंतरिक्ष मे जाने वाले भारत के पहले और विश्व के 137  वे व्यक्ति थे। उनकी अन्तरिक्ष उड़ान के दौरान भारत की तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि अन्तरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? 

राकेश शर्मा ने उत्तर दिया “” सारे जहाँ से अच्छा धरती से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का यह सवाल और अंतरिक्ष में रूसी अंतरिक्ष यान से भारत के अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के इस जवाब ने हर हिन्दुस्तानी को रोमांचित कर दिया था।

राकेश शर्मा की उपलब्धियाँ (Rakesh Sharma achievements)

 भारत सरकार ने उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया। विंग कमांडर के पद से सेवा निवृत्त होने पर राकेश शर्मा ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में परीक्षण विमान चालक के रूप में काम किया। नवम्बर 2006  में इन्होंने भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक समिति में भाग लिया जिसने एक नए भारतीय अन्तरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को स्वीकृति दी।

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